भगवान महावीर का जन्म कुण्डलपुर में हुआ था |
भगवान महावीर की माता का त्रिशला है और उनका दूसरा नाम प्रियकरिणी है |
भगवान महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ है |
भगवान महावीर के पांच नाम है | वर्धमान, वीर, महावीर, अतिवीर, सन्मति |
भगवान महावीर का जन्म चैत्र सुदी तेरश को हुआ था |
हाथी को वश में वश करने के कारण वर्धमान का नाम महावीर पड़ा |
संजय-विजय ये दो मुनिराजो ने महावीर भगवान को सन्मति नाम दिया |
सर्प बनकर संगम देव ने महावीर की परीक्षा ली |
भगवान महावीर ने शादी नहीं की थी |
भगवान महावीर ने 30 वर्ष की उम्र में दीक्षा ली |
भगवान महावीर ने 12 वर्ष तक तपस्या की | भगवान महावीर को 42 वर्ष में केवलज्ञान प्राप्त हुआ |
भगवान महावीर ने दीक्षा लेते समय नम: सिद्धेभ्य: मंत्र का उच्चारण किया था |
भगवान महावीर के 6 महीने उपवास के बाद चंदनबाला ने आहार करवाया था | चंदनबाला भगवान महावीर की मौसी थी |
महावीर भगवान केवलज्ञान होने के बाद 66 दिन मौन रहे क्युकी गणधर नहीं थे |
भगवान महावीर ने 72 वर्ष ने मोक्ष प्राप्त हुआ था |
महावीर भगवान के समवशरण में 14000 मुनिराज थे |
महावीर भगवान के समवशरण में 36000 माताजी थी |
महावीर भगवान को केवलज्ञान त्रजुकुला नदी के तट पर हुआ था |
महावीर भगवान के 11 गणधर थे |
महावीर भगवान पर उज्जयनी के श्मशान में स्माणुभद्र ने उपसर्ग किया था |
पार्श्वनाथ निर्वाण के 250 वर्ष बाद महावीर मोक्ष गए |
महावीर भगवान की प्रमुख शिष्या चंदनबाला थी |