Monday 1 August 2011

Namokar Mantra



णमो   अरिहंताणं   
णमो  सिद्धाणं 
णमो आयरियाणं      
णमो  उवज्झायाणं 
णमो  लोए  सव्व  साहुणं

अर्थ :-  अरिहंतो को नमस्कार , सिद्धो को नमस्कार , आचार्यो को नमस्कार ,उपाध्यायो को नमस्कार ,लोक के सर्व  साधू को नमस्कार |  

णमोकार मंत्र  में 5 परमेष्ठी (अरिहंत,सिद्ध,आचार्य,उपाध्याय,सर्व साधू ) को नमस्कार किया गया है |


जो परम पद में स्थित है उसे परमेष्ठी कहते है |


णमोकार मंत्र  का  महत्त्व :-
        एसो पंच णमोयारो   सव्व पावप्पणासणो | 
        मंगलाणं  च सव्वेसिं पढमं हवई मंगलम ||
णमोकार मंत्र  सब पापो को नाश करने वाला है और सभी मंगलो में प्रथम मंगल है |


जो पाप को गलाए उसे मंगल कहते है | मंगल 4 होते है |

सवोच्च, सर्वमान्य, निर्दोष और निष्पाप पद को उतम  कहते है  | उतम 4 होते है |

जिसके आश्रय से जन्म , मरण मिट जाये उसे शरण कहते है  | शरण 4 होते है |

णमोकार मंत्र अनादिनिधन है | वह किसी ने नहीं बनाया | यह अनादी काल से चलता आ रहा है और अनंत कल तक चलता रहेगा |

णमोकार मंत्र  को महा मंत्र, मूल मंत्र, अनादिनिधन मंत्र, अपराजित मंत्र  भी  कहते है |

णमोकार मंत्र  को सर्व प्रथम श्री धरशेनाचार्य के शिष्य भूतबली , पुष्पदंत आचार्य  ने शत्खान्दागम ग्रंथ में लिपिबद्ध था |
   
णमोकार मंत्र  प्राकृतभाषा और आर्या छंद में है |  णमोकार मंत्र  18432 प्रकार से पढ़ा जाता है | णमोकार मंत्र  में से 84,00,000 मंत्र की रचना की गयी है |  

णमोकार मंत्र  में  ३५ अक्षर और  ५८ मात्रा है | णमोकार मंत्र ३० व्यंजन  एवं ३५ स्वर है  |

णमोकार मंत्र का सब से छोटा रूप ॐ है | अरिहंत का अ ,सिद्ध(अशरीरी) का अ , आचार्य का आ ,उपाध्याय का उ मुनि का म | अ + अ = आ , आ + आ =आ ,आ + उ =ओ ,ओ + म = ओम |

णमोकार मंत्र का सब से छोटा रूप  पंच अक्षरी मंत्र असि, आ, उ, सा है |


3 comments:

  1. Hi.It is really very nice information.Its really great to know that in om also include namokar mantra.

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  2. Its really great to know about namokar mantra.

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  3. Really Great Navkar Mantra king of 84,00,000 Mantra........

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