Thursday 18 August 2011

Parmeshthi


परमेष्ठी :- जो परम पद में स्थित हो उसे परमेष्ठी कहते है |

परमेष्ठी पांच होते है |  अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु |

अरिहंत परमेष्ठी :- जिन्हों ने चार घातिया कर्मो का नाश किया है,  जो केवलज्ञानी हो, जो सशरीर हो, जिनके समवशरण हो, जिनके 46 मूलगुण होते है उन्हें अरिहंत परमेष्ठी कहते है |
46 मूलगुन :-
                    10 जन्म के अतिशय 
                    10 केवलज्ञान के अतिशय 
                    14 देवकृत अतिशय 
                      8 प्रातिहार्य 
                     4 अंनत चतुष्टय

सिद्ध परमेष्ठी :- जिन्हों ने 8 कर्मो का नाश किया हो जो शरीर रहित हो, जिन्हों ने मोक्ष प्राप्त कर लिया हो, जिनके 8 मूलगुण होते है उन्हें सिद्ध परमेष्ठी कहते है |

आचार्य परमेष्ठी :- जो मुनि संघ के नायक हो, जिनके 36 मूलगुण हो उसे आचार्य परमेष्ठी कहते है |

उपाध्याय परमेष्ठी :- जो मुनि संघ में पठन पाठन करते है और कराते है, जिनके 25 मूलगुण होते है उन्हें उपाध्याय परमेष्ठी कहते है |


साधु परमेष्ठी :- जो ज्ञान, ध्यान, तप में लीन होते है, जिनके 28 मूलगुण होते है उन्हें साधु परमेष्ठी कहते है |


1 comment:

  1. It really very nice information.Thanks for sharing this information.

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